17 सितंबर, 2010

दबंग : यह श्रद्धांजलि है, जश्न नहीं


दबंग कितनी देखी जा रही है, यह बताने की जरूरत नहीं है. एक वर्ग है जो ऐसी फिल्मों से सिर्फ इसीलिए खुश है क्योंकि छोटे शहरों के सिनेमाघरों में इनसे फिर रौनक लौटती है. कुछ उत्साही समीक्षकों के लिए ‘वांटेड’, ‘गजनी’ और ‘दबंग’ भदेस हिन्दुस्तानी हीरो की वापसी की फिल्में हैं जो हर वाक्य में अंग्रेजी के शब्द नहीं झाड़ता और जिसकी फाइटिंग में मर्दों वाली बात है. वही पुराना फिल्मी हीरो जिससे पूरे हिन्दुस्तान को अपनापन लगता है.

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