अच्छी थ्रिलर बनाना तब और मुश्किल हो जाता है जब आपको ना किसी की हत्या की गुत्थी सुलझानी हो और ना पैसा और जीत जैसे किसी प्रत्यक्ष
मैकगफ़िन के पीछे भागना हो। इस ख़ूबसूरत फ़िल्म में निर्देशक
माइकल मैन और उनके साथ इस फ़िल्म को लिखने वाले लेखक
एरिक रोथ बहुत स्वाभाविक ढंग से तनाव पैदा करते हैं। एक सच्ची कहानी, कॉर्पोरेट, पत्रकारिता और एक वैज्ञानिक की, जो बहुत आसानी से किसी उबाऊ रपट जैसी बन सकती थी, उसमें आप भावुक होते हैं और बार-बार परेशान होते हैं कि किसी भी कीमत पर सच के साथ खड़े होने वाले लोगों को हमने इतना अकेला क्यों छोड़ दिया है।
इसे देखने के बाद आप और गहराई से जानेंगे कि कैसे 'हमेशा आपके साथ' जैसी टैगलाइनों और प्यारे बच्चों की मुस्कुराहटों वाले विज्ञापन देने वाली कम्पनियाँ आपकी जान को मिट्टी जितना महत्व भी नहीं देतीं, आज़ाद प्रेस का मतलब क्या है और जब जब आप चैन की साँस लेते हैं, बाहर धूप या बारिश में कितने लोग उन सचों को सामने लाने के लिए अपनी साँसें रोककर रिपोर्टिंग करते हैं और गवाहियाँ देते हैं, जो आपके ज़िन्दा रहने के लिए ज़रूरी हैं।
इस फ़िल्म की बात इसके संगीतकारों
Pieter Bourke और
Lisa Gerrard के काम से मोहब्बत हो जाने की बात कहे बिना ख़त्म नहीं की जा सकती। और ना ही
Russell Crowe के गले लगने की ख़्वाहिश पैदा किए बिना।
जिस रिपोर्ट पर यह फ़िल्म बनी है, उसे आप यहाँ पढ़ सकते हैं-
The Man Who Knew Too Much
The Insider (1999)
English
Director- Michael Mann
Writer- Eric Roth, Michael Mann, Marie Brenner
Cast- Russell Crowe, Al Pacino